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लैलूंगा 14 नवंबर से पूरे प्रदेश स्तर पर धान खरीदी शुरू हो गई पर लैलूंगा ब्लॉक के सात धानउपार्जन केंद्र में केवल एक का ही शुभारंभ हुआ उन मंदिरों में धान बिक्री के को लेकर बाट जो रहे किसान*

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लैलूंगा, *14 नवंबर से पूरे प्रदेश स्तर पर धान खरीदी शुरू हो गई पर लैलूंगा ब्लॉक के सात धानउपार्जन केंद्र में केवल एक का ही शुभारंभ हुआ उन मंदिरों में धान बिक्री के को लेकर बाट जो रहे किसान*

लैलूंगा , छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर को धान खरीदी का शुभारंभ किया गया परंतु रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड में सात धान उपार्जन केंद्र हैं और उनके उपकेंद्र भी हैं उन सभी धान उपार्जन केंद्रों में आज तक कोई भी किसान धान नहीं बेच पाया है आज 10 दिन पूरे होने को है केवल 61 कुंटल 80 किलो ही धान लिबरा धान उपार्जन केंद्र में खरीदी हुई है किसानों के माने तो मंडियो में कोई समुचित व्यवस्था नहीं है ना नियमित कर्मचारी वहां दिखाई देते हैं जिस प्रकार से शासन के निर्देशानुसार व्यवस्था होनी चाहिए वैसी व्यवस्था न होने का कारण धान खरीदी शुरू होने में लेट लतिफी हो रही है आज मीडिया कर्मियों की टीम भ्रमण में निकली तो कई मंडीयो के प्रबंधक वहां नदारद मिले केवल कहीं ऑपरेटर मिले तो कहीं केवल दैनिक कर्मचारी नजर आए एक भी धानउपार्जन केंद्रों में नोडल अधिकारी नहीं दिखे न ही मंडियों में कोई समुचित व्यवस्था देखी गई अगर यही हाल रहा तो निश्चित समय सीमा के अनुरूप लैलूंगा क्षेत्र के किसान मंडियों में अपना धान नहीं बेच पाएंगे और उन्हें मायूसी हाथ लगेगी
*अगर सभी उपार्जन केंद्रों का टारगेट नहीं बढ़ाया गया तो किसी कीमत पर किसान अपना धान नहीं बेच पाएंगे*

किसानों का कहना है अगर इसी तरह से व्यवस्था रही तो हम आने वाले समय सीमा के अंदर अपना धान किसी कीमत पर नहीं बेच पाएंगे हमको हमारे मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है इसलिए हम शासन से मांग करते हैं कि सभी धानउपार्जन केंद्रों का टारगेट बढ़ाया जाए नहीं तो अंत में हमको निराशा ही हाथ लगेगी छत्तीसगढ़ में किसानों के हित में काम करने की बात जो सरकार द्वारा बार-बार कहीं जा रही है वहां किसानों के साथ अन्याय होता नजर आ रहा है इसलिए हम लोग शासन प्रशासन से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द सभी धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी तत्परता से शुरू की जाए और सभी मंडियों का टारगेट को बढ़ाया जाए
*क्या कहते हैं किसान*
मैं शिव प्रकाश भगत
बीरसिंघा धान मंडी में धान बेचता हूं यह लैलूंगा मंडी का उपकेंद्र है यहां अभी तक धान खरीदी शुरू नही हुई है न मंडी में समुचित व्यवस्था है अगर ऐसी व्यवस्था रही तो कोई किसान समय सीमा के अंदर अपना धान नहीं बेच पाएगा इसलिए मैं शासन प्रशासन से मांग करता हूं कि जल्द से जल्द समुचित व्यवस्था करते हुए धान खरीदी को सुचारू रूप से चालू किया जाए धन उपार्जन केदो का टारगेट भी बढ़ाया जाए

मैं अमर सिंह सिदार वर्जन_
हम किसान धान बेचने को पूरी तरह से तैयार हैं लेकिन मंडी की अव्यवस्था के कारण हम अपना धान अभी तक नहीं बेच पाए हैं अगर तत्काल प्रभाव से खरीदी चालू नहीं की गई तो अंत तक हम लोग धान नहीं बेच पाएंगे जिससे हमारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा और शासन द्वारा दिए जा रहे लाभ से हम वंचित हो जाएंगे
**जिम्मेदारों का कहना है*
शासन के निर्देशानुसार सभी धान उपार्जन केंद्रों में समुचित व्यवस्था की गई है और सभी मापदंड पूरे कर लिए गए हैं परंतु किसान का धान अभी तैयार नहीं है और धान में नमी होने के कारण उन्हें धान रिजेक्ट होने की शंका है इस वजह से धान का आवक नहीं है इसलिए कई केंद्रों में धान की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है
(अजीत कुजूर फूड इंस्पेक्टर लैलूंगा वर्जन)

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यह मुद्दा स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है, जहां आम जनता को उच्च दाम चुकाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जनरलिक दवाइयां, जो सस्ती और कारगर होती हैं, उन्हें नजरअंदाज कर महंगी ब्रांडेड दवाइयां देने का सिलसिला जारी है। कई मरीजों ने इस पर सवाल उठाए हैं और उचित कार्रवाई की मांग की है।

क्या स्वास्थ्य विभाग इस मामले में उचित जांच करेगा, या कमीशनखोरी का यह खेल यूं ही चलता रहेगा?
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By Rakesh Jaiswal

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