लैलूंगा में कल 2 घोड़ों की मौत ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। मामला गंभीर इसलिए है क्योंकि इनकी मौत फूड प्वाइजनिंग के कारण हुई है। डॉक्टर ने पुष्टि की है कि यह घटना साफ तौर पर भोजन में विषाक्तता के कारण हुई है।
घोड़ों के मालिक सचिन शुक्ला ने बताया कि वह अपने घोड़ों को करीब 1:20 बजे अस्पताल (जानवरों के अस्पताल का नाम) लेकर गया था, जहां इलाज के बाद उनकी हालत में थोड़ी सुधार आई। हालांकि, स्थिति फिर से बिगड़ गई, और उन्हें दोबारा अस्पताल ले जाया गया। दुर्भाग्यवश, शाम 4 बजे के आसपास दोनों घोड़ों की मौत हो गई।
कैसे हुई फूड प्वाइजनिंग?
लैलूंगा जैसी जगह पर फूड प्वाइजनिंग से घोड़ों की मौत एक चौंकाने वाली घटना है। सवाल उठता है कि घोड़ों को इस तरह की विषाक्तता का शिकार कैसे होना पड़ा? इसके पीछे साफ-सफाई की लापरवाही एक प्रमुख कारण मानी जा रही है।
हम पहले भी लैलूंगा में सफाई व्यवस्था को लेकर मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब यह घटना स्पष्ट रूप से बताती है कि सफाई की कमी किस तरह जानवरों और इंसानों दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
किसे देना चाहिए दोष?
लैलूंगा में सफाई की कमी का जिम्मेदार आखिर कौन है? प्रशासन की अनदेखी या नागरिकों की लापरवाही? यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए जो सफाई के महत्व को नजरअंदाज करते हैं।
प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इस पर सख्त कदम उठाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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