लैलूंगा गहनाझरिया पंचायत से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने इंसानियत को तार-तार कर दिया है। देव प्रसाद, जो अपनी पोती का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पंचायत सचिव के पास गए थे, ने ऐसी बात बताई है जिसे सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

सचिव ने उन्हें अपने सहयोगी संजय के पास भेजा, जिसने प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ₹500 का शुल्क मांगा। जबकि सरकारी नियमों के अनुसार, यह प्रमाण पत्र निशुल्क प्रदान किया जाना चाहिए। यहाँ तो भ्रष्टाचार का नया स्तर देखने को मिला है, जहां गरीबों का शोषण खुलेआम हो रहा है।
हमने इस घटना का पूरा वीडियो बनाया है, जिसमें प्रमाण पत्र की कॉपी भी जोड़ी गई है। आप वीडियो में देव प्रसाद की आवाज़ में पूरी कहानी सुन सकते हैं। इसके साथ ही,


यहाँ पढ़ें : सूत्रों के अनुसार, इस सचिव के द्वारा फर्जी मृत्यु प्रमाण जारी किया गया है उस फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से बड़े बीमा घोटाले , बैंकों से पैसा का आहरण और लोन फ्रॉड के आरोप लग चुके हैं। बताया जाता है कि जिंदा लोगों के नाम पर बीमा करवाकर उनके मृत्य प्रमाण पत्र बनवा दिए, ताकि बीमा राशि हड़प सके। इसके अलावा, विभिन्न नामों पर लोन लेकर उन्हें नहीं चुकाने के भी मामले सामने आए हैं। मरे हुए लोगो के खाते में पैसा डलवाकर भी घपला किया है | ये एक ऐसा सचिव है जो की बाकि सचिव जो की अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं उनका भी नाम डूबा रहा है पता नहीं शासन ने अबतक इससे ससपेंड क्यों नहीं किया |सूत्रों के हवाले से खबर है की
वैसे तो आज के डेट में लगभग सभी सचिव जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पैसा लेते हैं लेकिन शासन के अनुसार एक काम फ्री में नहीं होता है। इस न्यूज़ के माध्यम से में सभी लोगो से आग्रह करता हु। अगर आप एकजुट होंगे तोह कोई भी आपसे पैसे लेने की हिम्मत नहीं करेगा |
ऐसी घटनाएं समाज को झकझोर देने वाली हैं, और प्रशासन को इस पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।
दिनेश पंडित कहते हैं –दुख की धरती, भ्रष्टाचार की छाया,गरीबों के सपनों पर लगा है पहरा साया।दिनेश पंडित कहते हैं, सुन लो भाई,“इंसानियत की दुहाई अब दिल में समाई।”बचपन के कागजों पर, चढ़ गया दाम का बोझ,पैसों की भूख ने किया इंसानियत को खोखला रोज़।“पांच सौ की कीमत, जन्म का हक़ क्या कम है?”दिनेश कहते, ये तो गरीब का भी गम है।जिनके नाम पर बीमा हुआ, वो जिंदा से मृतक बने,लोन का खेल खेला, गरीबों के सपनों को छीना बिन कहे।पंचायत की कुर्सी पर बैठा वो लालची इंसान,गांव वालों का दर्द समझे, ये है सिर्फ अरमान।“अब तो जागो,” कहते हैं दिनेश आज,“इंसानियत की राह पर चलेगा समाज।”धन, दौलत, शोहरत का ये मोह छोड़ना होगा,सच्चाई का साथ देकर न्याय से जोड़ना होगा।दिनेश पंडित की आवाज़ में है सबकी पुकार,“गरिबों का हक़, अब ना होने दो बेकार।”
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