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Sun. Aug 10th, 2025

लैलूंगा में जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर अवैध वसूली का खेल, गरीबों से 500 से 2000 रुपये तक की वसूली

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लैलूंगा, रायगढ़ – लैलूंगा के विभिन्न ग्राम पंचायतों, उप स्वास्थ्य केंद्रों, और जनपद पंचायत में जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर गरीबों से अवैध वसूली की जा रही है। ऑपरेटर्स और सचिवों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है। लोकमत 24 न्यूज़ की टीम ने इस मामले को गहराई से जांचा और कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

लैलूंगा अस्पताल में वसूली और भ्रस्टाचार की जानकारी  देनें के लिए संपर्क करें।

लैलूंगा के ग्राम पंचायत पोतरा ग्राम पंचायत नारायणपुर, उप स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल और जनपद पंचायत सहित अनेक जगहों पर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर गरीब लोगों से 500 से लेकर 2000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। सरकारी निर्देशों के अनुसार, जन्म प्रमाण पत्र निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने चाहिए, लेकिन इन जगहों पर यह पूरी तरह से अवैध शुल्क में बदल चुका है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि स्वास्थ्य विभाग के लोग विशेष रूप से 1500 से 2000 रुपये तक वसूली कर रहे हैं, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को इस गोरखधंधे का शिकार बना रहा है।

हमारे संवाददाता ने ग्राम पंचायतों और उप स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानीय निवासियों से बातचीत की, जहां से यह पता चला कि ऑपरेटर्स और सचिव जन्म प्रमाण पत्र जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए अनुचित शुल्क की मांग कर रहे हैं। यहां तक कि जनपद पंचायत के सभी ऑपरेटर्स इस गोरखधंधे में संलिप्त नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यह वसूली लगातार बढ़ रही है, और जो गरीब इसके लिए पैसे देने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें बार-बार लौटाया जा रहा है।
इसी बीच जब हमारे संवाददाता किसी काम से लैलूंगा जनपद पंचायत गए हुए थे। वहां अचानक उन्हें एक तेज आवाज सुनाई दी, जो जनपद पंचायत के सीईओ की थी। सीईओ किसी ऑपरेटर पर गुस्से में चिल्ला रहे थे क्योंकि उस ऑपरेटर ने अवैध वसूली की थी। सीईओ ने जैसे ही इस अवैध वसूली की खबर सुनी, उन्होंने कड़ी कार्रवाई का इशारा देते हुए ऑपरेटर को फटकार लगाई और यहां तक कह डाला कि अगर ऐसा दोबारा हुआ तो उसे नौकरी से निकाल देंगे।
यह घटना हमारे संवाददाता ने स्वयं सुनी, जिसमें सीईओ की सख्त चेतावनी साफ झलक रही थी। जनपद पंचायत में जन्म प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेजों के लिए अवैध वसूली की शिकायतें काफी समय से आ रही हैं। इस बार जब सीईओ तक यह बातें पहुंचीं, तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है।
अब देखने वाली बात यह है कि इस बार जनपद पंचायत का प्रशासन इस अवैध वसूली के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है। उम्मीद की जा रही है कि सीईओ द्वारा लिए गए इस कड़े रुख के बाद जनपद में अवैध वसूली पर कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे ताकि गरीबों का शोषण रोका जा सके।
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका:
स्वास्थ्य विभाग का भी इसमें अहम भूमिका है, जो वर्षों से इस प्रकार की वसूली करता आ रहा है। अस्पताल विभाग में किसी भी प्रकार के प्रमाण पत्र या सेवा के लिए भारी रकम मांगी जा रही है, और इसके चलते गरीब जनता का शोषण हो रहा है।
लोकमत 24 न्यूज़ की ओर से हम सभी ग्रामीणों और नागरिकों से अपील करते हैं कि वे इस प्रकार की अवैध वसूली का विरोध करें और जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए किसी को भी पैसे न दें। सरकार की ओर से यह सेवा निःशुल्क है, और कोई भी ऑपरेटर या सचिव आपसे पैसे नहीं मांग सकता। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि इन सभी अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और दोषियों को सजा दी जाए।
हमारे पास इस अवैध वसूली के वीडियो साक्ष्य भी हैं, जो हम प्रशासन के समक्ष पेश करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द गरीबों के इस शोषण को रोकेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।

NOTE – इस खबर से जुड़ी कोई भी जानकारी हो तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। अगर आपके पास कोई नई खबर है, तो भी हमसे साझा करें। आपकी गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाएगा।


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By Rakesh Jaiswal

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