Breaking News
Mon. Aug 11th, 2025

प्रशिक्षु IPS द्वारा रोजनामचा में नाम दर्ज कराने राजधानी के पत्रकार को दी धमकी

शेयर करें

लैलूंगा (08.12.2024) प्रशिक्षु IPS द्वारा रोजनामचा में नाम दर्ज कराने राजधानी के पत्रकार को दी धमकी

भारत सम्मान, रायपुर – छत्तीसगढ़ में अपराध तेजी से बढ़ रहा है, उस पर ध्यान किसी का जाए या नहीं पर न्याय के लिए आप पुलिस से उम्मीद मात्र कर दो तो जैसे कुत्ते के दुम पर आपने पैर रख दिया हो। ठीक वैसा ही मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सामने आ रहा है, अवैध लोहा (कबाड़) कारोबारी ने उरला थाना क्षेत्र अंतर्गत अपने याड के सामने हमला कर महिला पत्रकार के मोबाईल को छीन लिया, थानेदार ने मोबाईल स्वंम पत्रकार को देकर समझौता की बात कही विलंब कार्यवाही को लेकर पहले कबाड़ कारोबारी, थाना प्रभारी उरला व जल्द कार्यवाही का आश्वासन देने वाले नगर पुलिस अधीक्षक खमतरई प्रशिक्षु आईपीएस अमन कुमार के खिलाफ कार्यवाही करने महिला पत्रकार ने महिला आयोग से लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है। मामला आगे बढ़ने की बजाए उल्टा पीड़ित पत्रकारों को धमकाया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री के पत्र पर जाँच, वर्तमान सरकार की वैल्यू जीरो…

महिला पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार व उनके संघियों के ऊपर हमला दिनांक 16/10/2024 को होता है, पीड़िता द्वारा 17/10/2024 को पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान मुख्यमंत्री, वर्तमान गृहमंत्री, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय को लिखित शिकायत दी गई, बड़े आश्चर्य के साथ यह मालूम हुआ कि वर्तमान के सभी उत्तरदायित्व अधिकारीगण व मंत्रीगण के नाम के पत्र को कूड़ेदान में डाल दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री के पत्र पर लंबी-चौड़ी जाँच चल रही है।
शिकायतकर्ता ने जाँचकर्ता अधिकारी बदलने आईजी रायपुर के पत्र को डाला गया कूड़ेदान में…
दिनांक 25/11/2024 को लिखित शिकायत पुलिस महानिरीक्षक रायपुर के नाम वर्तमान में जाँच कर रहे नगर पुलिस अधीक्षक खमतरई प्रशिक्षु आईपीएस अमन कुमार को बदलने की मांग की पर 06/12/2024 को बयान के नाम पर वही पुलिस अधिकारी पीड़ित को नोटिस के माध्यम से अपने कार्यालय में उपस्थिती दर्ज कराने पत्राचार किया जिसकी शिकायत पीड़िता ने की, वही अधिकारी उक्त मामले की जाँच कर रहा है। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल है।
इस मामले में पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों?
दरअसल महिला पत्रकार व संथियों पर हमला 16/10/2024 को हुआ, हमले के दिन से थाना प्रभारी उरला ने शिकायत लेने से इनकार किया था जिसके कारण आक्रोशित पत्रकारों ने थाना घेराव की चेतावनी पर दिनांक 21/10/2024 को नगर पुलिस अधीक्षक खमतरई ने यह कहते हुए पत्रकारों को मनाया की यह मामला अब मेरे पास आ गया है मैं जल्द कार्यवाही करूँगा पर कार्यवाही में विलंब होने के कारण पीड़ित महिला पत्रकार ने छत्तीसगढ़ महिला आयोग से दिनांक 08/11/2023 को शिकायत कर बताया की कैसे पुलिस अधिकारी जाँच के नाम पर विलंब कर रहे हैं। एक तरफ़ सुप्रीम कोर्ट ने कई बार संज्ञान लेते हुए कहा है कि महिला संबंधित शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करें अन्यथा खुद के ऊपर कार्यवाही के तैयार रहें का आदेश जारी किया है और दूसरी ओर ऐसे मामलों में जहाँ से न्याय मिलना है वहाँ के पुलिस की भूमिका ही संदिग्ध दिखाई दे रही है।

ाँचकर्ता प्रशिक्षु आईपीएस अमन कुमार का कहना मेरे को एक वर्ष भी नहीं हुए फौज में…
ज्यादातर पुराने पुलिस अफ़सरों पर यह आरोप लगते हमने देखा है कि किसी भी मामले को दबा न्याय नहीं करते पर छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार नए नवेले पुलिस अधिकारी पर विलंब कार्यवाही व पीड़ित को ही धमकाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके कारण पीड़ित को मजबूर होकर नए नवेले नगर पुलिस अधीक्षक खमतरई प्रशिक्षु आईपीएस अमन कुमार के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की जा रही है।
उक्त मामले में पुलिस पार्टी क्यों बनी?
दरअसल अवैध लोहा (कबाड़) कारोबारी ने महिला पत्रकार व उसके साथियों पर हमला किया उसे बचाने थानेदार मैदान में उतरे उसके बाद थानेदार को बचाने नगर पुलिस अधीक्षक खमतरई प्रशिक्षु आईपीएस अमन कुमार मौक़े पर पहुँचे पर विलंब कार्यवाही व थाने की रोजनामचा में पीड़ित के नाम चढ़ाने की धमकी मामले में आगे आ गए जबकि इस मामले में पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाते हुए यह बताया था की किस पुलिस अधिकारी को अवैध लोहा (कबाड़) कारोबारी का हप्ता-महीना पैसा बंधा हुआ है। इसलिए तो कबाड़ी के कुकर्मों को छिपाने पुलिस ही पार्टी बन गई।
आज तक कार्यवाही नहीं…
एक तरफ़ वर्तमान भाजपा की सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे लगा रही है वहीं दूसरी तरफ महिला पत्रकार के ऊपर अत्याचार हुए 50 दिवस से ऊपर हो गए लेकिन आज दिनांक तक न्याय मिलना तो दूर की कौड़ी नजर आ रही है अभी तक उक्त मामले में FIR तक दर्ज नहीं हो पाई है।
नगर पुलिस अधीक्षक परिसर में क्यों बनाना पड़ा पीड़ित पत्रकार को विडियो…
पुलिस अभिरक्षा में मौत मामलों में जब पुलिस जाँच के नाम पर किसी को अपने कार्यालय बुलाती है वहाँ उसकी मौत हो जाती है लगभग हर जगह पुलिस का बयान सामने आता है कि उक्त व्यक्ति खुद आत्महत्या कर लिया जबकि कई मामलों में बाद में पता चला कि पुलिस के थर्ड डिग्री टार्चर से मौत हुई है इसलिए सजगता बरतना किसी के लिए आवश्यक हो गया है। इन्ही कारणों को मद्देनजर रखते हुए व अपने ऊपर हुए अत्याचार को 50 दिवस से ऊपर हो गए लेकिन आज दिनांक तक कार्यवाही के नाम पर पीड़ित को प्रताड़ित कर यहाँ-वहाँ भटकना पड़ रहा है, जिसके ऊपर शक है उसको ही जाँच के लिए नियुक्त किया गया उक्त अधिकारी ने अपने कार्यालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज किया जाना किसी भी प्रकार के षड्यंत्र को जन्म देने जैसा था इसलिए पत्रकार आशीष अपने आप की सुरक्षा व षड्यंत्र से बचने अपने मोबाईल का कैमरा ऑन किया पर कुछ भी रिकार्ड होने से पहले ही नगर पुलिस अधीक्षक ने पत्रकार के जेब से मोबाईल निकाल कर यह कहते हुए धमकाया कि मेरे कार्यालय में रिकार्ड कर रहे हो, अपने सहयोगी पुलिस कर्मियों को कहा इसका खमतरई थाने के रोजनामचा में मामला दर्ज करो और धक्के मारकर परिसर से बाहर निकाल दिया।
दरअसल मामला यह है…
पीड़ित पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक रायपुर को लिखित शिकायत देकर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, पूर्व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, गृह मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, पुलिस महा‌निदेशक नया रायपुर छत्तीसगढ़, पुलिस महानिरीक्षक रेंज रायपुर छत्तीसगढ़ को यह अवगत कराते हुए कार्यवाही की मांग की है।
वर्तमान शिकायत की हु-ब-हू तथ्य प्रस्तुत है…
आपसे सनम्र निवेदन है कि मेरा नाम आशीष तिवारी उम्र 40 वर्ष निवासी टिकरापारा थाना मोहल्ला टिकरापारा पर सिद्धार्थ चौक के पास पेशा पत्रकारिता है।
मैं दिनांक 06/12/2024 को नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय खमतरई में मेरी सहयोगी महिला पत्रकार के साथ बयान हेतु गया था, चूंकि महिला पत्रकार की तबीयत खराब होने के कारण वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र कुमार जायसवाल के चार पहिया वाहन में उक्त कार्यालय गए हुए थे।
निकिता राकेश जसवानी और मैं अवैध लोहा कारोबारी के संदर्भ में दिनांक 16/10/2024 को उरला थाने के अंतर्गत यार्ड के सामने न्यूज़ बनाने गए थे उस समय कारोबारी और उसके सहयोगियों द्वारा हम पर हमला करते हुए महिला पत्रकार के मोबाइल को छीन लिया गया। जब हम इसकी शिकायत करने उरला थाना गए तो वह मोबाइल थाना प्रभारी के द्वारा थाना कक्ष में प्रभारी द्वारा महिला पत्रकार को दिया गया, हमारे ऊपर हुए हमले की शिकायत भी नहीं ली गई।
उक्त सभी मामले से क्षुब्ध होकर महिला पत्रकार निकिता राकेश जशवानी ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय, प्रदेश की गृह मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान मुख्यमंत्री के नाम लिखित शिकायत किया गया।
जिसकी विवेचना नगर पुलिस अधीक्षक खमतरई द्वारा किया जा रहा था। उक्त मामले के ही नोटिस दिनांक 6/12/2024 मैं निकिता राकेश जशवानी को नगर पुलिस अधीक्षक खमतरई में बुलाया गया था क्योंकि लोहा कारोबारी के मामले में मैं भी पीड़ित हूं इसलिए साथ में गया हुआ था। जहां पर निकिता का बयान दर्ज होने वाला था मैं अपनी सेफ्टी के लिए मोबाइल का कैमरा ऑन कर अपने जेब में रखा हुआ था जिसे नगर पुलिस अधीक्षक खमतरई द्वारा यह बोलते हुए मेरे जेब से निकाला गया कि तुम मेरे कार्यालय में रिकॉर्डिंग नहीं कर सकते हो अपने सहयोगी पुलिसकर्मी को चिल्लाते हुए बुलाया गया और कहा गया कि इन दोनों पत्रकारों का नाम पूरा पता के साथ लिखो और खमतरई थाने के रोजनामचा में दर्ज करवाओ, मुझे व मेरे सहयोगी पत्रकार जितेंद्र कुमार जायसवाल को कार्यालय परिसर से बाहर कर दिया गया। उक्त घटना से मैं भयभीत हूं, क्योंकि वे पुलिस के बड़े अधिकारी है इसलिए मुझे भय है कि मेरे खिलाफ झूठे षड्यंत्र कर गंभीर अन्य धाराओं के साथ झूठा अपराध पंजीबद्ध किया जा सकता है।
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि उक्त मामले में ईमानदार पुलिस अधिकारियों, वरिष्ठ पत्रकारों की टीम व सामाजिक कार्यकर्ताओं की सामूहिक टीम बनाकर उक्त मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए कड़ी कार्यवाही करने की महान कृपा करें।


शेयर करें

By Rakesh Jaiswal

Lokmat24 News  एक विश्वसनीय न्यूज़ प्लेटफॉर्म है जो आपको छत्तीसगढ़ की ताज़ा और सटीक ख़बरें प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य सच्चाई को आप तक पहुंचाना है | Contact - 9424188025

Related Post