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रामानंद अग्रवाल की स्मृति में आशीष मित्तल ने दिया 21000 रुपए का सहयोग, संभागीय अग्रवाल महासभा को मिला चिकित्सा सेवा हेतु संबल

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लैलूंगा 02.07.2025 लैलूंगा। समाज सेवा की भावना जब श्रद्धा और स्मृति से जुड़ जाए, तो वह केवल आर्थिक योगदान नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन जाती है। ऐसा ही एक प्रेरणास्पद कार्य किया है लैलूंगा के प्रतिष्ठित उद्योगपति और श्याम ऑटोमोबाइल के चेयरमैन आशीष मित्तल ने, जिन्होंने अपने पूज्य पिताजी स्वर्गीय रामानंद अग्रवाल की पावन स्मृति में संभागीय अग्रवाल महासभा बिलासपुर को चिकित्सा सेवा हेतु 21,000 रुपए की सहयोग राशि प्रदान की है।

यह सहयोग न केवल एक आर्थिक सहायता है, बल्कि समाज में चिकित्सा सेवा को बल प्रदान करने वाला संबल भी है। मित्तल का यह योगदान दिखाता है कि यदि समाज का प्रत्येक सक्षम व्यक्ति अपने दिवंगत पूर्वजों की स्मृति को सेवा के माध्यम से जीवित रखे, तो समाज का स्वास्थ्य और संस्कार दोनों मजबूत हो सकते हैं।

महासभा ने किया साधुवाद, जताया आभार

इस पुनीत योगदान के लिए संभागीय अग्रवाल महासभा ने आशीष मित्तल का दिल से धन्यवाद ज्ञापित किया है। महासभा के मेडिकल सेवा विभाग के अध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल और संभागीय महामंत्री राजेंद्र राजू ने संयुक्त रूप से उन्हें साधुवाद देते हुए कहा कि—

आशीष मित्तल न केवल एक सफल व्यवसायी हैं, बल्कि एक मृदुभाषी, मिलनसार, और समाजहितैषी युवा भी हैं। उनका यह कार्य समाज के उन सभी युवाओं के लिए एक आदर्श है जो संसाधनों के साथ-साथ संवेदनशीलता भी रखते हैं।”

समाज के लिए ऊर्जा का स्रोत बने आशीष मित्तल

अग्रवाल महासभा द्वारा आशीष मित्तल को हाल ही में लैलूंगा अग्रवाल समाज का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति को महासभा ने समाज के लिए एक नई ऊर्जा, दृष्टि और संवेदना का आगमन बताया है। महामंत्री राजू ने कहा—

लैलूंगा अग्रवाल समाज को एक ऊर्जावान, कर्मठ और सेवा भाव से ओत-प्रोत अध्यक्ष के रूप में आशीष मित्तल मिले हैं, जो समाज के गौरव को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।”

“सक्षम व्यक्ति आगे आएं” – समाज सेवा की प्रेरणा

ओमप्रकाश अग्रवाल ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि समाज के सभी सक्षम और सजग व्यक्ति यदि इसी तरह सेवा भाव से समाज हित में आगे आएं, तो चिकित्सा सेवा जैसे क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव संभव है। उन्होंने कहा—

किसी की बीमारी में हम यदि थोड़ा भी सहायक बन सकें, तो यह सबसे बड़ी सेवा है। आशीष मित्तल का यह अंशदान एक उदाहरण है कि संस्मरण और सेवा जब मिलते हैं, तो समाज को नई दिशा मिलती है।”

श्रद्धा और सेवा का संगम

स्व. रामानंद अग्रवाल के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए आशीष मित्तल ने भी कहा कि—

पिताजी हमेशा समाज सेवा को सर्वोपरि मानते थे। उनके आदर्शों पर चलना मेरा कर्तव्य है। यह योगदान उनके चरणों में मेरी ओर से श्रद्धांजलि है।”

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में वे लैलूंगा व आसपास के क्षेत्रों में चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में और भी प्रयास करेंगे।

समाज के लिए उदाहरण बना यह योगदान

लैलूंगा क्षेत्र में आशीष मित्तल के इस योगदान की चहुंओर सराहना हो रही है। समाज के वरिष्ठजनों से लेकर युवा वर्ग तक सभी ने इसे एक प्रेरक उदाहरण बताया है। उनका यह कार्य यह दिखाता है कि जब किसी की स्मृति सेवा का माध्यम बन जाए, तो समाज का हर वर्ग लाभान्वित होता है।

यह समाचार सिर्फ एक दान की खबर नहीं, बल्कि समर्पण, श्रद्धा और सामाजिक चेतना का उदाहरण है। आशीष मित्तल जैसे युवाओं की समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता यह बताती है कि नई पीढ़ी न केवल आर्थिक रूप से सक्षम है, बल्कि संस्कारों और सेवा भाव में भी अग्रणी है।

संभागीय अग्रवाल महासभा ने जिस आत्मीयता से उन्हें धन्यवाद और शुभकामनाएं दी हैं, वह यह विश्वास दिलाता है कि समाज सेवा का यह सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा। लैलूंगा अग्रवाल समाज को उनके रूप में एक ऐसा नेतृत्व मिला है, जो सेवा, सौजन्य और सक्रियता के साथ समाज को नई दिशा देने में सक्षम है।


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By Rakesh Jaiswal

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