गेरुपानी पंचायत , लैलुंगा:
गेरुपानी पंचायत में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि इसे पूरे इलाके का भ्रष्टाचार का अड्डा कहा जा सकता है। पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर विकास कार्यों में भारी घोटाले किए हैं, चाहे वह NREGA के तहत हो या जनपद पंचायत के अन्य निर्माण कार्य। निर्माण कार्यों में जिस प्रकार की धांधली हुई है, वह जल्द ही उजागर होगी, और भ्रष्टाचारियों के चेहरे बेनकाब होंगे।
बोर खनन घोटाला: एक बोर, तीन बार पैसा
एक ही बोरवेल के लिए तीन-तीन बार पैसा निकाला जा रहा है। बोर की खुदाई के नाम पर मशीनें बदली नहीं जातीं, लेकिन मरम्मत के नाम पर हर साल भारी रकम उठा ली जाती है। इतना ही नहीं, बोरवेलों की खुदाई पंचायत के बजट से सिर्फ उन जगहों पर की गई है जहां सरपंच और सचिव के परिचित लोग रहते हैं। आम जनता पानी के लिए तरस रही है, जबकि सरपंच और सचिव ने अपनी मिलीभगत से फर्जी बोरवेल दिखाकर सरकारी पैसे की बंदरबांट की है। “ये घोटाला जितना बड़ा है, उतना ही जल्दी इसका पर्दाफाश होगा।”
स्टेशनरी घोटाला:
पंचायत के लिए स्टेशनरी की खरीद भी सिर्फ कागजों में ही हो रही है। ज़मीन पर स्टेशनरी का कोई अता-पता नहीं है, और यह फर्जीवाड़ा पंचायत के विकास कार्यों को पूरी तरह से पंगु बना रहा है।
गांव के बड़े ठेकेदारों की मिलीभगत से सरपंच और सचिव ने भ्रष्टाचार का खेल ऐसा रचा है कि आम जनता की जरूरतें और हक़ पूरी तरह से कुचले जा रहे हैं। पंचायत में हर घोटाले के पीछे यही गिरोह काम कर रहा है, और इसका खुलासा जल्द ही किया जाएगा। पंचायत के लोग अब खुलकर सरपंच और सचिव की इस भ्रष्टाचारी गठजोड़ के खिलाफ खड़े हो रहे हैं, और जिला प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
सरकार द्वारा योजनाओं की घोषणा करना एक बात है, लेकिन उन योजनाओं का जमीनी स्तर पर सही से लागू न होना एक बड़ी समस्या बन गई है। अधिक जानकारी और ताज़ा अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें: www.lokmat24.in
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