




बेटा नोट मैंने लुटा बे , और जनता मेरा मुट्ठी में |
लैलूंगा के लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि इस कच्ची मरम्मत से सड़क तो एक दिन ही टिक पाएगी, क्योंकि गड्ढों में जो धूल डाली गई है, वह शाम तक ही आधी निकल चुकी है और कल तक पूरी तरह से गायब हो जाएगी। इससे साफ पता चलता है कि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर कितने लापरवाह और भ्रष्ट हो चुके हैं।
गंभीर सवाल यह है कि जब हमने पहले सड़क की खराब हालत के बारे में शिकायत की थी, तो अधिकारियों ने फंड की कमी का बहाना बनाया था। अब अचानक से मुख्यमंत्री के दौरे से पहले फंड कैसे आ गया? क्या पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने अपनी जेब से पैसा डाला है?
यह घटना मुख्यमंत्री के दौरे से ठीक पहले की है, जब पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों ने एक ही दिन में सड़क का मरम्मत कार्य कर दिखाया। जिस तेजी से मंत्री के स्वागत के लिए सड़क को तैयार किया गया, अगर उसी गति से जनता के लिए काम किया गया होता, तो लैलूंगा की स्थिति आज इतनी बदहाल नहीं होती। न तो सड़कों पर जाम लगता, न ही धूल से लोग बीमार पड़ते।जनता के लिए यह दृश्य और स्थिति इशारा करने के लिए काफी है कि उनकी समस्याओं का हल तब ही निकलेगा जब बड़े नेता और अधिकारी वास्तव में सेवा भाव से काम करेंगे। सड़क की इस घटिया मरम्मत ने जनता के विश्वास को और कमजोर कर दिया है। यह सिर्फ एक दिखावा है ताकि मंत्री के काफिले को परेशानी न हो, जबकि आम जनता को जूझना पड़ता है।
पीडब्ल्यूडी के इस ढुलमुल रवैये ने यह साबित कर दिया है कि असली काम जनता की सेवा नहीं, बल्कि सत्ता की चापलूसी करना है।
