लैलूंगा 21.06.2025 “कुंजारा, 21 जून।
देशभर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया और इसी कड़ी में डी.ए.वी. मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, कुंजारा में भी यह दिन उत्साह, ऊर्जा और पर्यावरणीय चेतना के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय परिसर योग के महत्व और वृक्षारोपण के संदेश से गूंज उठा। कार्यक्रम की गरिमामयी अध्यक्षता भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेशाध्यक्ष श्री रवि भगत जी ने की, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की भव्यता को और भी बढ़ा दिया।
य
ोग दिवस की शुरुआत – “सांसों में समाई प्रकृति की शक्ति”
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह विद्यालय परिसर में सामूहिक योग सत्र से हुई, जिसमें विद्यालय के शारीरिक शिक्षा शिक्षक श्री सूरज कनोजिया ने बच्चों को योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया।
उन्होंने ताड़ासन, वृक्षासन, सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति आदि का अभ्यास कराते हुए बताया कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति भी प्रदान करता है।
छात्रों की सहभागिता अद्भुत रही। विद्यालय के प्रांगण में सभी छात्र-छात्राएं अपनी-अपनी योग मेट पर बैठ कर तन-मन से योग में लीन थे। नन्हे-मुन्नों से लेकर वरिष्ठ विद्यार्थियों तक ने पूरे अनुशासन के साथ योग सत्र का अनुसरण किया। विशेष रूप से छात्राओं ने सूर्य नमस्कार और वृक्षासन में उत्साहपूर्वक भागीदारी दिखाई।
रवि भगत जी का प्रेरणादायक संबोधन – “योग हमारी सनातन परंपरा की देन”
कार्यक्रम के अगले चरण में मुख्य अतिथि श्री रवि भगत जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, “योग भारत की विश्व को सबसे बड़ी देन है। यह केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। यदि हम नियमित रूप से योग करें तो कई बीमारियाँ हमारे पास नहीं फटकेंगी।“
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि कैसे आज पूरी दुनिया हर साल 21 जून को योग के माध्यम से भारत की आध्यात्मिक और स्वास्थ्यवर्धक विरासत को सम्मान दे रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों में योग के प्रति रुचि जागृत करना आवश्यक है ताकि वे आने वाले जीवन में स्वस्थ और संयमित नागरिक बन सकें।
प्राचार्या सुश्री अर्चना चौधरी का उद्बोधन – “योग और पर्यावरण का है गहरा संबंध”
विद्यालय की प्राचार्या सुश्री अर्चना चौधरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “योग मनुष्य और प्रकृति के बीच के संतुलन को बनाता है। जिस तरह से हम श्वास लेते हैं और उसे नियंत्रित करते हैं, उसी तरह हमें प्रकृति की रक्षा भी उसी अनुशासन से करनी चाहिए।”
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि श्री रवि भगत जी को कार्यक्रम में शामिल होकर छात्रों को प्रेरित करने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।
वृक्षारोपण – “एक पौधा, एक जीवन”
योग सत्र के उपरांत विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री रवि भगत, प्राचार्या सुश्री अर्चना चौधरी और विद्यालय के समस्त शिक्षकों तथा विद्यार्थियों ने मिलकर वृक्षारोपण किया। पीपल, नीम, आम, गुलमोहर जैसे औषधीय और छायादार वृक्षों के पौधे विद्यालय परिसर में लगाए गए।
प्राचार्या ने बच्चों को समझाया कि “एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान होता है। वृक्षों से हमें ऑक्सीजन, छाया, फल और जीवन मिलता है। पर्यावरण की रक्षा हेतु वृक्षारोपण अनिवार्य है।”
छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक इस अभियान में भाग लिया और “हर छात्र एक पेड़ लगाए” का संकल्प लिया।
शिक्षकों की गरिमामयी उपस्थिति – “शिक्षक बने प्रेरणा स्रोत”
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के समस्त शिक्षकों की अहम भूमिका रही। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण –
किरण महंत, सुनिधि मिश्रा, हरेन्द्र मनहर, सूरज एस.के., प्रतिक पटनायक, गौरव बेहरा, राजेश भोय, मनोज स्वर्णकार, अजय बंजारे, भास्कर साहू, बबिता पटेल, अंजली सिहार, नेहा राव, सुनीता गुप्ता, रीना पंडा, सावित्री नायक उपस्थित रहे और आयोजन को सहयोग और समर्पण से सफल बनाया।
शिक्षकों ने स्वयं भी योग क्रियाओं में भाग लेकर छात्रों के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत किया और वृक्षारोपण में सक्रिय भूमिका निभाई। कई शिक्षकों ने बच्चों को वृक्षों के प्रकार, उनके औषधीय गुणों और संरक्षण की विधियों पर संक्षिप्त वार्ता भी दी।
छात्रों का उत्साह – “योग, प्रकृति और राष्ट्रभक्ति का संगम”
बच्चों में पूरे दिन विशेष उत्साह देखने को मिला। उन्होंने योग सत्र में भाग लेने के साथ ही पर्यावरण से संबंधित स्लोगन जैसे –
“पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ”,
“आज एक पेड़ लगाया, कल उसने हमें छाया दी”,
“योग करो, निरोग रहो” जैसे नारों के पोस्टर बनाकर अपनी रचनात्मकता दिखाई।
समापन – “संस्कृति, स्वास्थ्य और पर्यावरण का संगम”
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और वृक्षारोपण के इस अवसर ने डी.ए.वी. मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, कुंजारा को केवल एक शैक्षणिक संस्था ही नहीं, बल्कि एक संस्कारित और पर्यावरण-संवेदनशील मंच के रूप में प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और “योग से जुड़ें, प्रकृति को अपनाएं” के सामूहिक उद्घोष के साथ किया गया।
इस आयोजन ने न सिर्फ विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि उन्हें प्रकृति के साथ अपने संबंध को मजबूत करने की प्रेरणा भी दी। विद्यालय परिवार ने संकल्प लिया कि यह आयोजन एक दिन का नहीं, बल्कि हर दिन का अभ्यास बनेगा।

लोकमत 24 इस मामले पर लगातार नजर रखेगा और आपको आगे की जानकारी देता रहेगा।
लैलूंगा अस्पताल में वसूली और भ्रस्टाचार की जानकारी देनें के लिए संपर्क करें |
प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रहे भ्रष्टाचार और घूसघोरी की जानकारी देने के लिए संपर्क करें