Khedama ( खेडामा ) :
आज एक भ्रष्ट सचिव का पर्दाफाश होगा पंचायत में लंबे समय से फैले भ्रष्टाचार की जड़ें उखाड़ने का समय आ गया है। इस लेख में, हम उस भ्रष्ट सचिव की पोल खोलेंगे, जिसने जनता के विकास के नाम पर अपनी तिजोरी भरी है। आज, उसके हर घोटाले का पर्दाफाश होगा और सच सबके सामने आएगा।

डमरू यादव (सचिव): पंचायतों में भ्रष्टाचार का खिलाड़ी
डमरू यादव (सचिव), जो किसी भी पंचायत में एक साल से ज़्यादा टिकता नहीं, भ्रष्टाचार के खेल में माहिर माना जाता है। उसकी रणनीति हमेशा एक जैसी रहती है—पहले किसी पंचायत में जाके अपनी जगह बनाना और फिर भ्रष्टाचार का जाल बुनना। पहले वह रूपदेगा पंचायत में तैनात था, जहाँ उसने अपनी करतूतों से खूब पैसा कमाया।
रूपदेगा के बाद डमरू यादव (सचिव) का तबादला खेड़ामा पंचायत में हुआ, जहाँ उसने सरपंच के साइन से रस्सी की खरीद के नाम पर बड़ी मात्रा में धन का गबन किया। इसके बाद उसने अपना तबादला तौलगे पंचायत में करवा लिया।
**विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से** यह पता चला है कि डमरू यादव (सचिव) ने अपनी भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति को सफेद करने के लिए अपने परिवार के नाम पर लाखों रुपये की ज़मीन की रजिस्ट्री कराई है। ऐसा कहा जा रहा है कि उसने अपनी अवैध कमाई को छिपाने के लिए कई बेनामी संपत्तियां भी खरीद ली हैं।
डमरू यादव (सचिव) का यह खेल तब तक जारी रहेगा, जब तक प्रशासन उसकी हरकतों पर सख्त कार्रवाई नहीं करता। अब सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक डमरू यादव (सचिव) जैसे भ्रष्ट अधिकारी पंचायतों में भ्रष्टाचार फैलाते रहेंगे और जनता को उनके अधिकारों से वंचित करते रहेंगे?
स्वचालय घोटाला: रूपदेगा पंचायत का पर्दाफाश:
रूपदेगा पंचायत में, जहां भ्रष्टाचार का खिलाड़ी दमरू यादव सचिव इंचार्ज था, वहां स्वच्छालयों का हाल बेहद दयनीय है। स्वच्छालयों को सिर्फ नाम के लिए बनाया गया, लेकिन हकीकत में वे एक स्टोररूम की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं। न तो टंकी है, न पानी की सुविधा, और न ही टॉयलेट सीट। अब, यह सचिव तौलगे पंचायत में जा रहा है। भगवान ही जाने वहां क्या-क्या घोटाले करेगा!
इस प्रकार के घोटाले जनता के विश्वास को बुरी तरह से तोड़ रहे हैं, और अब समय आ गया है कि इन भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की धांधली और भ्रष्टाचार के कारण न केवल पंचायत का विकास रुका है, बल्कि जनता को भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत के विभिन्न प्रकल्पों में हो रहे इस भ्रष्टाचार की बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है, जिससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी और असंतोष है। अब ग्रामीण चाहते हैं कि इस गंभीर मामले की गहन जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि पंचायत को भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सके और विकास कार्यों को सही दिशा में ले जाया जा सके।
ये तोह बस सुरुआत हैं पिक्चर अभी बाकि है मेरे दोस्त इन भ्रष्ट सरपंच और सचिव की कहानी का सिलसिला जारी रहेगा अधिक जानकारी और ताज़ा अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें: www.lokmat24.in