लैलूंगा के बस स्टैंड चौक में इस बार नवरात्रि अवसर पर भव्य नवदुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। इस विशेष आयोजन ने लैलूंगा की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है। इस बार कलकता के विशेष कलाकारो के द्वारा मां दुर्गा का पंडाल सजाया जा रहा है लैलूंगा में दुर्गा पूजा कार्यक्रम भाग 57 वर्षो से लगातार जारी है 9 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में माता के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। साज सजावट देख के आपका मन मोह जायेगा, साज सजावट के लिए विशेष रूप से एक्सपर्ट्स बाहर से बुलाया गया है ।

नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है:
1. शैलपुत्री – नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, जो पर्वतों की देवी मानी जाती हैं।
2. ब्रह्मचारिणी – दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना होती है, जो तपस्या और ज्ञान का प्रतीक हैं।
3. चंद्रघंटा – तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है, जो युद्ध की देवी मानी जाती हैं।
4. कूष्मांडा – चौथे दिन मां कूष्मांडा की उपासना होती है, जिन्होंने ब्रह्मांड की रचना की।
5. स्कंदमाता – पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है, जो भगवान कार्तिकेय की माता हैं।
6. कात्यायनी – छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है, जो दुर्गा के योद्धा रूप का प्रतीक हैं।
7. कालरात्रि – सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है, जो नकारात्मकता का नाश करती हैं।
8. महागौरी – आठवें दिन मां महागौरी की उपासना होती है, जो शांति और पवित्रता का प्रतीक हैं।
9. सिद्धिदात्री – नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जो भक्तों को सिद्धि और शक्ति प्रदान करती हैं।
नोट – नवरात्रि के समापन के बाद लैलूंगा में भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में लोग प्रसाद ग्रहण करने अवश्य आएं ।
लैलूंगा अस्पताल में वसूली और भ्रस्टाचार की जानकारी देनें के लिए संपर्क करें |

प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रहे भ्रष्टाचार और घूसघोरी की जानकारी देने के लिए संपर्क करें