08/12/2025. ●लैलूंगा धान बिचौलियों की बढ़ती मनमानी से प्रशासन त्रस्त
सख़्ती के बावजूद राहत नहीं — अब कठोर कदम की दरकार

लैलूंगा। शासकीय धान उपार्जन केंद्रों की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर क्षेत्र में धान बिचौलियों की सक्रियता बढ़ गई है। प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई के बावजूद दलालों का जाल इतना मजबूत होता जा रहा है कि आम किसान इसका खामियाज़ा भुगतने पर मजबूर हैं। बिचौलियों की मनमानी से जहां सरकारी खरीद व्यवस्था प्रभावित हो रही है, वहीं किसानों का हक़ भी छिन रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ दलाल कम दाम पर धान खरीदकर बाहरी राज्यों तक अवैध रूप से पहुंचा रहे हैं। प्रशासन द्वारा कई बार वाहन जब्ती और चालानी कार्रवाई की गई, मगर इसका कोई बड़ा असर नहीं दिखाई दे रहा है। बिचौलियों का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि वे प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए धड़ल्ले से धान का कारोबार कर रहे हैं।
किसान मजबूरी में बेचने को विवश
किसानों का कहना है कि सरकारी केंद्रों पर बार-बार तकनीकी अवरोध, टोकन की समस्या और लंबा इंतजार उन्हें परेशान कर रहा है। ऐसे में बिचौलिये मौके का फायदा उठाकर कम दाम पर उनका धान खरीद लेते हैं। किसानों की मजबूरी ही बिचौलियों की सबसे बड़ी ताकत बनी हुई है।
प्रशासन की सख़्ती, पर व्यवस्था बेअसर
तहसील प्रशासन और पुलिस समय-समय पर दबिश कार्रवाई कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अवैध धान परिवहन पर रोक के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। बावजूद इसके बिचौलियों का नेटवर्क लगातार सक्रिय बना हुआ है। प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि बिचौलिये अब ग्रामीण इलाकों के कच्चे रास्तों का उपयोग कर चोरी-छिपे धान को बाहर भेज रहे हैं, जिससे कार्रवाई करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
कठोर कार्रवाई की उठी मांग
स्थानीय जनप्रत





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