किलकिला ग्राम पंचायत में निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, यहां के निर्माण कार्यों में भारी मात्रा में धूल (दस्त) का उपयोग किया गया, जिससे बालू की जगह पैसे बचाए गए और उसे सरपंच, सचिव और ठेकेदार ने अपनी जेब में डाल लिया।
सूत्रों की मानें तो हाल ही में गाइडवाल के निर्माण में भी बालू के स्थान पर धूल का इस्तेमाल किया गया। इस गड़बड़ी का एक बड़ा कारण ठेकेदार के मित्र का क्रेशर मशीन होना बताया जा रहा है, जहां से मुफ्त में धूल लाकर निर्माण में इस्तेमाल किया गया
इस तरह की धोखाधड़ी के कारण पंचायत में कोई भी निर्माण कार्य 3 महीने तक भी टिक नहीं पाता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस भ्रष्टाचार के लिए संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। सच में, ऐसे “प्रतिभाशाली” ठेकेदार को सरकार से कोई पुरस्कार मिलना चाहिए जो इस तरह की “अनोखी” योजनाओं से सरकारी धन का सदुपयोग कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की धांधली और भ्रष्टाचार के कारण न केवल पंचायत का विकास रुका है, बल्कि जनता को भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत के विभिन्न प्रकल्पों में हो रहे इस भ्रष्टाचार की बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है, जिससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी और असंतोष है। अब ग्रामीण चाहते हैं कि इस गंभीर मामले की गहन जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि पंचायत को भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सके और विकास कार्यों को सही दिशा में ले जाया जा सके।
ये तोह बस सुरुआत हैं पिक्चर अभी बाकि है मेरे दोस्त इन भ्रष्ट सरपंच और सचिव की कहानी का सिलसिला जारी रहेगा अधिक जानकारी और ताज़ा अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें: www.lokmat24.in