लैलूंगा 06.06.2025 *: आम जनता को राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों में हो रही देरी और परेशानियों को देखते हुए अनुविभागीय अधिकारी (SDM) लैलूंगा ने एक सख्त आदेश जारी किया है, जिसमें तहसील कार्यालय लैलूंगा और मुकडेगा के अंतर्गत आने वाले पटवारियों को अपने हल्के तथा मुख्यालय ग्रामों में नियमित रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश दिनांक 2 जून 2025 को क्रमांक/523/कानून-गो/2025 के तहत कार्यालय से जारी किया गया है।
इस आदेश का उद्देश्य जनता को त्वरित राजस्व सेवाएं प्रदान करना है, जिससे नामांतरण, सीमांकन, नक्शा प्रतिलिपि, ऋण पुस्तिका, भूमि विवाद आदि से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके। आदेश में स्पष्ट रूप से सप्ताह के निश्चित दिवसों में पटवारियों की मुख्यालय ग्राम में उपस्थिति अनिवार्य की गई है, जिससे वे समय पर कार्य संपादित कर सकें और ग्रामीणों को बेवजह चक्कर न लगाना पड़े।
हालांकि, फील्ड रिपोर्ट और ग्रामीणों की शिकायतें दर्शाती हैं कि कई पटवारी इस आदेश की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं। निर्धारित दिवसों में भी पटवारी अपने मुख्यालय ग्रामों में अनुपस्थित पाए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि उन्हें बार-बार तहसील कार्यालय या पटवारी के घर के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन फिर भी कोई ठोस समाधान नहीं मिल रहा।
ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों ने इस मुद्दे को लेकर कड़ा रोष जताया है और मांग की है कि ऐसे गैर-जिम्मेदार पटवारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। कुछ सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्चाधिकारियों से शिकायत की है।
SDM लैलूंगा ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए संकेत दिए हैं कि यदि आगामी निरीक्षणों में कोई भी पटवारी अनुपस्थित पाया गया, तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
जनता की सुविधा और राजस्व व्यवस्था की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में लापरवाही दुर्भाग्यपूर्ण है। जरूरत इस बात की है कि आदेशों का पालन हो और अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
यदि प्रशासन और कर्मचारी दोनों ही अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करें, तो न केवल ग्रामीणों की समस्याएं कम होंगी, बल्कि राजस्व व्यवस्था में जनता का भरोसा भी मजबूत होगा।
लैलूंगा प्रेस क्लब की टीम जब पोतरा पहुची तो मालूम हुआ कि पटवारी कभी नही आता । जब भी कुछ ग्रामीण पटवारी को फोन करते है तो कुछ न कुछ बहाना करता है और आता नही है । जिससे ग्रामीण को कई प्रकार की समस्यओं का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना –
जब से प्रभार लिया है आज तक पोतरा नही आया है और फोन करने पर न उठता है न ही कॉल बैक करता है ।
जनपद सदस्य प्रतिनिधि विष्णु सिदार

लोकमत 24 इस मामले पर लगातार नजर रखेगा और आपको आगे की जानकारी देता रहेगा।
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