जामबहार (लैलूंगा ):
जामबहार पुलिया से खम्हार पाकुट डैम तक की सड़क की हालत पिछले कई वर्षों से बेहद खराब बनी हुई है। न पंचायत और न ही सिंचाई विभाग ने इसे सुधारने की कोई गंभीर कोशिश की है। हर बार जब भी पंचायत के सरपंच और सचिव को पैसों की आवश्यकता होती है, वे मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये का आहरण कर लेते हैं, लेकिन सड़क का वास्तविक सुधार कभी नहीं होता।
सरपंच कई बार इस रोड में मिटटी मुरुम डाल-डाल कर पंचायत का पैसा का अहरण किया है जिसका कोई हिसाब नहीं है |
इस सड़क के किनारे स्थित **जामबहार जलाशय**, जो कभी एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल था, अब अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रहा है। कभी यहां पर्यटकों की भीड़ रहती थी, पर आज यहां एक भी सैलानी नजर नहीं आता। अब केवल कुछ लोग ही जलाशय के किनारे बैठकर शराब का सेवन करते हुए देखे जाते हैं। **साफ-सफाई और रखरखाव के अभाव** में जलाशय की स्थिति भी दयनीय हो गई है, और यह अब सिर्फ स्थानीय लोगों की उदासी और प्रशासन की उदासीनता का प्रतीक बनकर रह गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत और सिंचाई विभाग के अधिकारी आपस में मिलीभगत करके मरम्मत के नाम पर सरकारी पैसों का गबन कर रहे हैं, जिससे सड़क और जलाशय दोनों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
वर्जन (SDO):
जामबहार पुलिया से खम्हार पकुट डैम तक की सड़क की दुर्दशा पर अब SDO लैलूंगा ने अपनी सफाई पेश की है। SDO का कहना है कि उन्होंने इस सड़क की मरम्मत और निर्माण के लिए कई बार कागजी अनुमानों (estimate) को तैयार करके रायगढ़ भेजा, लेकिन उसके बाद कोई प्रगति नहीं हो पाई। उनका कहना है कि रायगढ़ से कभी बात आगे नहीं बढ़ी, जिसके चलते सड़क निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है।
ये तोह बस सुरुआत हैं पिक्चर अभी बाकि है मेरे दोस्त इन भ्रष्ट लोगो की कहानी का सिलसिला जारी रहेगा अधिक जानकारी और ताज़ा अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें: