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हाथियों का यह दल अब केशला की ओर बढ़ रहा है और वहां भारी नुकसान मचा रहा है। खेतों को तहस-नहस कर दिया गया है, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और लोगों की जान-माल पर खतरा मंडराने लगा है। स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं। किसानों और स्थानीय निवासियों का जीना मुश्किल हो गया है। वन विभाग की असमर्थता के चलते, हाथियों को भगाने का कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा सका है। मजबूर होकर, किसान और स्थानीय लोग खुद ही अपनी जेब से पैसे खर्च कर फटाके खरीद रहे हैं और हाथियों को भगाने का प्रयास कर रहे हैं। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं।
गांव के लोग चिंतित हैं कि यदि समय रहते इन हाथियों को न रोका गया, तो और भी गंभीर नुकसान हो सकता है। वन विभाग के अधिकारी अभी भी इस मामले से अनजान बने हुए हैं, जबकि लोगों की जान-माल पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
इससे पहले भी लैलुंगा के मुख्य मार्ग पर हाथियों का यह दल देखा गया था, हालांकि तब किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ था। लेकिन अब स्थिति गंभीर हो चुकी है, और कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती
