लैलूंगा 24.06.2025 *
* सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर गांववालों को डिलीट कर गया भरोसा!…
लैलूंगा। जनता के शब्दों में सच्चाई –
“कंप्यूटर सीखने का वादा किया था… और जेब से ‘सिस्टम फॉर्मेट’ कर दिया।
आज बच्चे लैपटॉप की जगह थाने में रिपोर्ट टाइप करने को मजबूर रहे हैं।”
*💰 650 रुपये × 800 लोग = करोड़ों का सपना, लाखों का छल :* सितम्बर 2024, लैलूंगा ब्लॉक के गांव-गांव में आशीष सिदार का प्रचार तंत्र सक्रिय था।
वादा था “कंप्यूटर कोर्स मिलेगा, सरकारी नौकरी की तैयारी कराएंगे!”
*लेकिन मिला क्या?*
✔ वादा
❌ कोर्स
❌ ट्रेनिंग सेंटर
❌ प्रमाणपत्र
❌ जवाबदेही
कुल वसूली — ₹5,20,000 से अधिक, और बदले में ‘जीरो’!
*BNS के तहत दर्ज हो अपराध, नहीं तो खुद उठेगा गांव :* अब ग्रामीणों की स्पष्ट मांग है कि सिदार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 के तहत प्रकरण दर्ज हो।
*भरोसा करप्ट, सिस्टम हैंग – अब जनता करेगी रीबूट :* अब गांववालों का कहना है:”सरकार अगर नींद में है, तो हमें झकझोरना आता है। अब FIR व गिरफ्तारी चाहिए!”
*यह केवल ठगी नहीं, भरोसे का डिजिटल कत्ल है :* सिदार जैसे जालसाज़ Digital India की साख में कील ठोक रहे हैं।
*अब गांव पूछ रहा है : कब आएगा न्याय का अपडेट वर्जन -*
* आशीष सिदार पर BNS की धाराओं में FIR दर्ज हो
* सभी पीड़ितों को उनकी रकम ब्याज सहित वापस मिले
* ऐसे ठगों की पहचान कर ‘ब्लैकलिस्ट’ जारी की जाए
* डिजिटल ठगी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाए
यह रिपोर्ट केवल एक खबर नहीं गांव की चीख है।
यह मामला सिखाता है : कोर्स से पहले, ‘कोर्स देने वाले’ की हार्ड डिस्क जांच ज़रूरी है।
*सिदार ने जो किया, वो कम्प्यूटर कोर्स नहीं – BNS के अनुसार, अपराध की ‘हार्ड ड्राइव’ है जिसे अब सिस्टम में डालकर फॉर्मेट करना जरुरी होगा!*

लोकमत 24 इस मामले पर लगातार नजर रखगा और आपको आगे की जानकारी देता रहेगा।
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