लैलूंगा 03.06.2025. लैलूंगा वन परिक्षेत्र अंतर्गत एक दर्दनाक और चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसमें एक ग्रामीण पर जंगली हाथी ने हमला कर दिया। हाथी के हमले में ग्रामीण बुरी तरह घायल हो गया है और फिलहाल उसका इलाज लैलूंगा अस्पताल में जारी है। यह घटना वन्यजीव और मानव के बीच बढ़ते टकराव की गंभीरता को एक बार फिर उजागर करती है।
घटना की पूरी जानकारी
मिली जानकारी के अनुसार, घायल ग्रामीण बलभद्र कलंग (उम्र लगभग 50 वर्ष) चिंगारी गांव, थाना लैलूंगा का निवासी है। बलभद्र आज अपने गांव से सब्जी बेचने के लिए पास के गांव में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में जाने की तैयारी कर रहा था। बाजार जाने से पहले वह दोपहर बाद लगभग 4 बजे जंगल के किनारे स्थित खेतों में सब्जी तोड़ने गया था। उसी दौरान, झाड़ियों की ओट से निकले एक जंगली हाथी ने उस पर अचानक हमला कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बलभद्र को हाथी ने सूंड से उछाल दिया और फिर पैरों से रौंदने की कोशिश की। बलभद्र ने किसी तरह खुद को बचाने का प्रयास किया, लेकिन हाथी के भारी वार से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर पास के खेतों में काम कर रहे कुछ अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर हाथी को भगाया।
वन विभाग को दी गई सूचना, घायल का उपचार जारी
घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग को सूचित किया। लैलूंगा वन परिक्षेत्र की टीम मौके पर पहुंची और घायल बलभद्र को तत्काल लैलूंगा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। चिकित्सकों के अनुसार बलभद्र के शरीर में गंभीर अंदरूनी चोटें हैं, विशेष रूप से उसकी पसलियों और पीठ पर गहरी चोटें आई हैं। फिलहाल उसका इलाज जारी है और स्थिति स्थिर बताई जा रही है, परंतु खतरे से पूरी तरह बाहर नहीं कहा जा सकता।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
लैलूंगा वन परिक्षेत्र के अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह क्षेत्र हाथियों की आम आवाजाही वाला इलाका है और हाल के दिनों में कई बार हाथियों के दल इस क्षेत्र में देखे गए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की रेस्क्यू टीम सक्रिय हो गई थी और घायल को समय पर अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया गया।
वन विभाग के रेंजर ने बताया कि, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम हाथी की लोकेशन ट्रैक कर रहे हैं और उसे आबादी वाले क्षेत्र से दूर भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों से अनुरोध है कि वे जंगल के समीप जाते समय सावधानी बरतें और वन विभाग से संपर्क बनाए रखें।”
ग्रामीणों में दहशत, मुआवज़े की मांग
घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। हाथियों की गतिविधि लगातार बढ़ रही है और वन विभाग इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रहा है। चिंगारी सहित आसपास के कई गांवों के लोग अब जंगल के आसपास जाने से डर रहे हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने सरकार से बलभद्र के इलाज का पूरा खर्च वहन करने और उसे उचित मुआवज़ा देने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने जंगल से सटे गांवों में हाथी से सुरक्षा के लिए ट्रेंच (खाई), सोलर फेंसिंग और सतर्कता दल तैनात करने की भी मांग रखी है।
पिछली घटनाएं और आंकड़े
लैलूंगा वनमंडल पिछले कुछ वर्षों से हाथियों के लिए संवेदनशील क्षेत्र माना जा रहा है। 2023 और 2024 में भी इसी क्षेत्र में हाथियों के हमले की कुछ घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें मवेशी हानि और खेतों की बर्बादी के साथ-साथ कुछ ग्रामीण घायल भी हुए थे।
वन विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में हाथियों की संख्या बढ़ने और उनके पुराने जंगलों के कटाव के चलते वे अब नए इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं। भोजन और पानी की तलाश में हाथी अक्सर गांवों की ओर आ जाते हैं, जिससे इस तरह के टकराव बढ़ रहे हैं।
मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौती
यह घटना न सिर्फ एक व्यक्ति की त्रासदी है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में फैले मानव-वन्यजीव संघर्ष का चिंताजनक संकेत भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक हाथियों के प्राकृतिक आवास की रक्षा नहीं की जाएगी और उनके विचरण क्षेत्रों को सुरक्षित नहीं किया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि वन विभाग को हाथियों की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखते हुए समय रहते अलर्ट जारी करना चाहिए, साथ ही स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करने चाहिए। इसके अलावा, जंगलों की सीमा पर ‘अर्ली वार्निंग सिस्टम’ और निगरानी कैमरे भी लगाने की आवश्यकता है।
सरकारी कार्रवाई की प्रतीक्षा
फिलहाल ग्रामीणों को वन विभाग की कार्रवाई और सरकारी मदद का इंतजार है। घायल बलभद्र के परिजनों ने शासन से मदद की अपील की है और क्षेत्र के विधायक तथा जनपद सदस्यों से संपर्क किया है।
लैलूंगा थाना पुलिस और वन विभाग द्वारा घटना की जांच की जा रही है, साथ ही हाथी के विचरण क्षेत्र की पहचान कर उस पर निगरानी बढ़ाई जा रही है।

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